Thursday 12 January 2012

उत्तर भारत बनाम दक्षिण भारत



में उत्तर भारत से सम्बन्ध रखता हूँ मगर पिछले लगभग एक दशक से दक्षिण भारत में रह रहा हूँ .इस दौरान मैंने उत्तर भारत तथा दक्षिण भारत में बहुत सा फर्क देखा है , जिसमे खान पान, रहन सहन , वेशभूषा से लेकर आचरण तक शामिल है .आज में कुछ खास बातों का जिक्र करूँगा जो हमें उत्तर भारत में देखने को नहीं मिलती.यहाँ के लोग बहुत धर्मिक प्रवर्ती के होते हैं . यहाँ पर चोरियां बहुत कम होती है. लोगों को सरेआम झगड़ते हुए शायद ही कभी देखा जाता है . बस या रेल की टिकिट के लिए आपको बहुत कम इन्तजार करना पड़ता है , तथा टिकिट के लिए आपको छुट्टे पैसे देने के लिए मजबूर नहीं किया जाता जैसा की उत्तर भारत में अमूमन देखा जाता है . यहाँ के सरकारी कर्मचारी भी आप से बहुत अपनत्व से बात करते है .


नई तकनीक को इन राज्यों ने बहुत अपनाया है , राशन कार्ड , गैस बुकिंग ,टिकटिंग ,टैक्स , टेलीफ़ोन बिल जैसे काम ऑनलाइन कर सकते हैं .शिक्षा के क्षेत्र में तो दक्षिण भारत के ये ४ राज्य सदा अवल ही रहे हैं . अकेले कर्नाटक में इतने इंजीनियरिग कोलेज हैं जितने पुरे भारत में नहीं होंगे .


एक से एक भव्य मंदिर यहाँ के हर शहर में देखने को मिलेंगे , मगर एक बात जो यहाँ चुभती है वो है मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए आपको पैसे देने पड़ते हैं . और उसपे भी अगर आपको दर्शन करने की जल्दी है तो आप जितने ज्यादा पैसे देंगे उतनी जल्दी आपको दर्शन करने को मिलेंगे . मंदिरों में दान देने के मामले में यहाँ के लोग सबसे आगे हैं .

कोई चाहे कितना भी गरीब हो अगर उसकी मनोकामना पूर्ण हो गई तो वो अपने पास के पुरे पैसे जेवरात तक मंदिर के दान बॉक्स में डाल देता है , यानी भगवान को दान देने में तो भामाशाह जैसा दिल है .तिरुपति बालाजी का मंदिर पूरी दुनिया में सबसे धनाढ्य मंदिर है , जहाँ साल में करोड़ो रुपयों के तो बाल बेचे जाते हैं जो दर्शनार्थियों द्वारा मुराद पूरी होने पर कटवाए जाते है. यहाँ तक की औरतें भी अपने पुरे बाल कटवाकर आती हैं मंदिर में . यहाँ पर ९०% लोग सुबह पूजा करने के बाद ही चाय नाश्ता करते हैं पूरा परिवार सुबह नहाकर पूजा करता है . औरतें बिना घर के आगे रंगोली बनाये कोई काम नहीं करती , उनके द्वारा कुछ ही मिनिटों में घर के आगे बनी गई रंग बिरंगी रंगोली हर किसी का दिल मोह लेती है .

चाय से लेकर सब्जी बेचने वाला तक अगर हिंदी ना भी समझे तो भी आपको अंग्रेजी में वन टू थ्री बोलकर समझा देगा , लेकिन ज्यतादर आपसे हिंदी में वार्तालाप की कोशिश करेंगे . क्या हम उत्तर भारत में कभी किसी दक्षिण भारतीय से उसकी भाषा में एक शब्द भी बोलते हैं ? नहीं


शराब के मामले भी दक्षिण भारत के लोग उत्तर भारत के लोगों से आगे हैं .पूजा पाठ के साथ शराब के भी बहुत शौकीन है यहाँ के लोग यहाँ पे आपको जहाँ शराब का ठेका मिलेगा उसके आस पास कोई ना कोई मंदिर भी जरुर मिलेगा , और दो चार कदम पे मीट की दुकान भी मिलेगी यानी धर्म और निजी जीवन दोनों का बखूबी तालमेल यहाँ देखने को मिलेगा .दक्षिण भारत के ४ राज्य ( आंध्र प्रदेश , तमिलनाडु,कर्नाटका और केरल ) बाकि देश से कुछ बातों में काफी भिन्न है .तमिलनाडु में हिंदी भाषी लोग ना के बराबर है. पुरे तमिलनाडु में आपको सायद ही कोई हिंदी बोलने या समझने वाला मिलेगा लेकिन इसके विपरीत आंध्रप्रदेश,केरल और कर्नाटका में हिंदी की स्थिति बेहतर है . एक और खास बात है जो  में  आपसे  बाँटना  चाहूँगा  वो है   इन चारों  राज्यों की अलग अलग भाषा. उत्तर भारत  में अधिकतर राज्यों की भाषा एक दुसरे से मिलती जुलती है ,या फिर वो हिंदी बोलकर एक दुसरे से संवाद कर लेते हैं . मगर इधर एक दुसरे की भाषा बिलकूल नहीं समझते ,यहाँ तक की लिपि भी पूरी तरह से अलग है .

 
खान पान के मामले में ४ राज्यों में चावल और चावल से बने अन्य पकवान ही बहुतायत में मिलेंगे केरल में नारियल का तेल सब्जी बनाने में उपयोग में लाया जाता है जो को उत्तर भारतीयों को शायद

ही पसंद हो , दक्षिण भारत में कुछ खास पकवानों के नाम इस तरह हैं , लेमन राईस ,सांभर राईस , इडली , मेदू वडा , रश्म ,डोसा ,उपमा , पोंगल आदि मगर इन सब में ९९% चावल और नारियल जरुर मिलेगा .




यहाँ के त्यौहार भी अलग ही हैं पोंगल, ओणम ,पूरम ,चितिरै कुछ खास त्यौहार हैं . उत्तर भारत की तरह यहाँ होली दिवाली जैसे त्यौहार को लोग कम जानते है इसलिए ना के बराबर ही मनाते है .यहाँ तक की दक्षिण भारत में  पंचाग भी अलग होता है.

मगर चाहे जो भी हो , यही तो पहचान है हिंदुस्तान  की . "विभिन्नता  में एकता "

//विक्रम//


19 comments:

  1. acchchhi post. dakshin bharat ki visheshtaaon ke baare mein aur bhi jaankaari mili, dhanyawaad.

    ReplyDelete
  2. भारत की विशेषताओं की अच्छी जानकारी मिली

    ReplyDelete
  3. दक्षिण भारत के विषय में बहूत अच्छी रोचक जानकारी के लिये आपका आभार
    चित्र बहूत हि अच्छे चुने है आपने...
    अच्छी पोस्ट

    ReplyDelete
  4. रोचक जानकारी बहुत सुंदर प्रस्तुति,बेहतरीन
    welcome to new post...वाह रे मंहगाई

    ReplyDelete
  5. दक्षित भारत पर एक रोचक पोस्‍ट ...बेहतरीन प्रस्‍तुति के लिए आभार ।

    ReplyDelete
  6. अच्छी जानकारी...
    दक्षिण में सबसे सादे होते हैं केरला के लोग..उन्हें शायद आप boring भी कह सकते हैं..
    और भी लिखिए..अच्छा लगा..मैं खुद केरला से हूँ वैसे..मगर पली बढ़ी north में ही हूँ..
    :-)

    ReplyDelete
  7. विद्या जी , दक्षिण भारत के लोग सीधे साधे होते हैं इसमे दो राय नहीं , हाँ मगर तमिलनाडु के लोग थोड़े रिजर्व टाइप के हैं.
    यहाँ के लोग थोड़े कम झगड़ालू होते हैं , इसलिए यहाँ गुंडागर्दी उत्तर भारत की तुलना में नाम मात्र की है . सबसे अच्छा यहाँ का
    कास्ट सिस्टम है . उतर भारत की तरह लोग जातियों में नहीं बंटे है . कर्नाटक और तमिलनाडु में तो लोग नाम के साथ जाती
    (सरनेम) लगते ही नहीं .

    ReplyDelete
  8. rochak jankari....kafi jankari praapt karne ke baad post likhi aap ne....bdhai...

    ReplyDelete
  9. आपने सुन्दर खाका खींचा है उत्तर और दक्षिण भारत का.
    बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी है आपने.
    एक दूसरे की अच्छाइयां हमें अपनानी चाहियें.
    सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.

    मेरे ब्लॉग पर आईयेगा,राजपूत जी.

    ReplyDelete
  10. हौसला अफजाई के लिए आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया , प्रेम बनाये रखिये |

    ReplyDelete
    Replies
    1. bahut achchi jankari di.thanks.

      Delete
    2. bahut hi badhiya me bhi chennai me me rahta hu pichhle 8 sal se south and north me rat din ka farak mahsoos karte hai kisis bhi mamale me khasakar yaha ke logo ko hindi na ke barabar ati hai

      Delete
  11. shandar tarike se parichay doya hae aapne south-india ka .aabhar.

    ReplyDelete
  12. बहुत सुन्दर लिखा है आपने ! मेरा घर पांडिचेरी में है इसलिए मुझे आपका पोस्ट बेहद पसंद आया! जानकारी से भरपूर शानदार पोस्ट!

    ReplyDelete
  13. SUNDAR AUR MAHATVPOORN POST HAI.....BAHUT SI JANKARIYAN MILI ...ABHAR RAJPOOT JI.

    ReplyDelete
  14. आगामी शुक्रवार को चर्चा-मंच पर आपका स्वागत है
    आपकी यह रचना charchamanch.blogspot.com पर देखी जा सकेगी ।।

    स्वागत करते पञ्च जन, मंच परम उल्लास ।

    नए समर्थक जुट रहे, अथक अकथ अभ्यास ।



    अथक अकथ अभ्यास, प्रेम के लिंक सँजोए ।

    विकसित पुष्प पलाश, फाग का रंग भिगोए ।


    शास्त्रीय सानिध्य, पाइए नव अभ्यागत ।

    नियमित चर्चा होय, आपका स्वागत-स्वागत ।।

    ReplyDelete
  15. atayant ruchiker aur sundar.......:))

    ReplyDelete
  16. आपने उत्तर भारत और दक्षिण भारत का तुलनात्मक चित्र बना दिया है. बहुत सही. मैंने दक्षिण के तीन राज्यों में सेवा की है. आपसे सहमत हूँ. दक्षिण में लोग कानून का पालन करने में आगे हैं तो उत्तर भारत लोग के कानून तोड़ने में.

    ReplyDelete

शादी-विवाह और मैरिज ।

आज से पचास-पचपन साल पहले शादी-ब्याह की परम्परा कुछ अनूठी हुआ करती थी । बच्चे-बच्चियाँ साथ-साथ खेलते-कूदते कब शादी लायक हो जाते थे , कुछ पता ...