Wednesday 15 August 2018

रिश्तों का आरक्षण


मकानो के मालिक
ओर उनके
किराएदार ,
कुछ उसी तरह
सिर्फ मालिक भर हूँ,
में अपने इस दिल का ,
बिना किराए के   
किरायेदार
बसते हैं इसमें,रिश्तों का
आरक्षण लेकर,
कुछ मियादी
तो कुछ
बेमियादी रिश्तों
की लीज़ लिए
बैठे हैं......
-विक्रम




शादी-विवाह और मैरिज ।

आज से पचास-पचपन साल पहले शादी-ब्याह की परम्परा कुछ अनूठी हुआ करती थी । बच्चे-बच्चियाँ साथ-साथ खेलते-कूदते कब शादी लायक हो जाते थे , कुछ पता ...