Friday 20 July 2012

क्या आप इन्टरनेट या उसकी कम स्पीड से परेशान हैं ?

बहुत आसान उपाय है.  अपनी इन्टरनेट डिवाइस जैसे डाटा कार्ड , फ़ोन जो भी है उसे  अपने साथ   किसी  एकांत स्थान में ले जाएँ .  इस बात का ध्यान रखे की उस  स्थान से कितना भी जोर से बोलने  पर  दूर दूर  तक  आपकी  आवाज  सुनने वाला कोई ना हो . उसके बाद डिवाइस को अपने सामने रखें और जमीन पर ध्यान मुद्रा में बैठ जाएँ , कमर सीधी हो ,पूरा ध्यान सामने रखी  डिवाइस पे केन्द्रित करें , एक  लम्बी  साँस खींचे और अपने ISP (इन्टरनेट सर्विस प्रवाइडर) को याद करते हुए जोर जोर से भद्दी से भद्दी  गालियाँ निकाले. 

ये क्रिया कम से कम १० बार दोहराएँ , अगर आपको असीम सुख की अनुभूति ना  हुई हो तो उसे निरंतर  जारी रख सकते हैं, लेकिन हर बार एक नई और ताज़ा गाली निकालें.  अगर आपको इस क्रिया के दौरान थकान महसूस हो रही हो तो , अपने अन्दर नई उर्जा का स्त्रोत पैदा करने के लिय उन लम्हों को याद करें जब एक 50 एम.बी  की फाइल 99% डाउनलोड होने के बाद इन्टरनेट डिसकंनेक्ट हो गया और आपको फिर से अधोभारण (डाउनलोड) करने के लिए पूरा दिन बर्बाद करना पड़ा . और फाईनली जब पूरा डाउनलोड  हो गया तो पता चला फाइल डाउनलोड के दरमियाँ फाइल क्रेश हो गई .

इस पूरी क्रिया के सम्पूर्ण होते होते आपके अन्दर एक नया जोश और चेहरे में किला फतह करने जैसी मुस्कान नाच रही होगी. उसके बाद पुरे टसन के साथ घर वापिस आयें . सबसे पहले नहालें , अगर पानी की किल्लत  हो तो (ड्राई कलीन) हाथ मुंह  तो कम से कम जरुर धोलें, और इस अंदाज में धोये जैसे किसी नेता के अंतिम संस्कार से लौटे हों .

उसके बाद अपनी डिवाइस की तरफ विजयी और  कुटील मुस्कान में मुस्कराएँ और उसको ऐसे कंनेक्ट करें जैसे आप उसके स्वामी हों और वो आपकी दासी . 

आप फ़र्क महसूस करें तो धन्यवाद की उम्मीद के साथ इन्तजार करूँगा .


'विक्रम शेखावत '

Monday 16 July 2012

Quick Management Lesson (त्वरित प्रबंधन सबक)



एक दिन एक कुत्ता जंगल मैं रास्ता खो गया . तभी उसने देखा एक शेर उसकी तरफ  आ रहा है.कुत्ते की साँस रूक  गयी. "आज तो काम तमाम  मेरा!" उसने सोचा. फिर  उसने सामने  कुच्छ  सूखी  हड्डियाँ पड़ी देखी.वो आते हुए शेर की तरफ पीठ कर के बैठ गया और एक सूखी हड्डी  को चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से बोलने लगा, "वा ! शेर को खाने का मज़ा ही  कुछ  और है.  एक और मिल जाए तो पूरी दावत हो जाएगी!"  और उसने ज़ोर से   डकार मारा. इस बार शेर सकते में आ गया.  उसने सोचा "ये कुत्ता तो शेर का शिकार  करता है! जान बचा करा भागो!"  और शेर वहाँ से चंपत हो गया . 


पेड़ पर बैठा एक बंदर यह सब तमाशा देख रहा था. उसने सोचा यह मौका अच्छा है शेर को सारी कहानी बता देता हूँ - शेर से दोस्ती हो जाएगी और उससे ज़िंदगी भर के लिए जान का ख़तरा दूर हो जाएगा. वो फटाफट शेर  के पीछे  भागा . कुत्ते ने बंदर को जाते हुए देख लिया और समझ गया की कोई लोचा है. उधर बंदर ने शेर को सब बता दिया की कैसे कुत्ते ने उसे बेवकूफ़ बनाया है. शेर ज़ोर से दहाडा ,"चल मेरे साथ अभी उसकी लीला ख़त्म  करता हू" और बंदर को अपनी पीठ पर बैठा कर शेर कुत्ते की तरफ लपका.   


Can u imagine the quick management by the DOG......... ......... ...    


कुत्ते ने शेर को आते देखा तो एक बार फिर  उसकी  तरफ पीठ करके बैठ  गया और ज़ोर ज़ोर से बोलने लगा, "इस बंदर को भेज के 1 घंटा हो गया , साला एक शेर फाँस कर नही ला सकता!" 


 "अपने आस पास भी ऐसे बंदर होते है... पहचानना सीखो !"

-विक्रम 

Sunday 8 July 2012

-- मेरा जीवन --




गृहस्थ  के झंझटों से 
कुछ वक़्त निकालकर 
में अक्सर ...

चुपके से 
तुम्हारी यादों को 
छु  आता हूँ...

मेरा जीवन 
नदी के 
उन  दो किनारों 
के दरमियाँ बहते 
पानी सा है  ...

जो दोनों की छुवन 
से  सामंजस्य  बैठा 
लेता है , जीवन को
जीने का  ....

सच है की 

नदी के किनारे 

नही मिलते,मगर  

दिल तो  नादाँ है , 

  समझाए कौन ?...

"विक्रम"

शादी-विवाह और मैरिज ।

आज से पचास-पचपन साल पहले शादी-ब्याह की परम्परा कुछ अनूठी हुआ करती थी । बच्चे-बच्चियाँ साथ-साथ खेलते-कूदते कब शादी लायक हो जाते थे , कुछ पता ...