वो तुम्हारी पहली
दस्तक !!
मुद्दतों बाद आज भी,
जगा देती है
सुसप्त तन्हाइयों को ...
जिंदगी का एक
वो हिस्सा जो
तेरे पहलू मे गुजरा ,
बहुत भारी रहा
बाकी जिंदगी पे ।
नीरस रहा दौर
बाकी जिंदगी का ,
तेरे साथ गुजारे उन
चंद लम्हों को छोड़कर....
तुमसे मिलना,
एक पड़ाव था,
ज़िंदगी का
बाद उसके सफर ,
बहुत तन्हा ही गुजरा....
वैसे भी , है क्या जिंदगी में,
उन चंद मुलाक़ातों के सिवा.....
दस्तक !!
मुद्दतों बाद आज भी,
जगा देती है
सुसप्त तन्हाइयों को ...
जिंदगी का एक
वो हिस्सा जो
तेरे पहलू मे गुजरा ,
बहुत भारी रहा
बाकी जिंदगी पे ।
नीरस रहा दौर
बाकी जिंदगी का ,
तेरे साथ गुजारे उन
चंद लम्हों को छोड़कर....
तुमसे मिलना,
एक पड़ाव था,
ज़िंदगी का
बाद उसके सफर ,
बहुत तन्हा ही गुजरा....
वैसे भी , है क्या जिंदगी में,
उन चंद मुलाक़ातों के सिवा.....
“विक्रम”
बहुत सुंदर !
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति ...!
ReplyDeleteमातृदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
RECENT POST आम बस तुम आम हो
ये चंद मुलाकातें ही जीवन बिताने को बहुत हैं ... बस प्यार का एहसास जरूरी है ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeletejee mai sirf protsaahan ke liye nahi comment likh raha , really its touched my heart!
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