Saturday 26 May 2018

बंदा ये बिंदास है !!




 आज से करीब 5,6 साल पहले फेसबूक पर एक शख्स के साथ एक सामाजिक मुद्दे को लेकर बहुत खिंचतान हुई। कई दिनों तक हम दोनों के बीच काफी कहासुनी होती रही। मुद्दा हालांकि एक कम्यूनिटी से संबन्धित था ओर हम दोनों उसी कम्यूनिटी के थे । मगर एक दूसरे के विचारों से सहमत नहीं होने से बड़ी गंदी वाली बहस हो गई थी । कुछ दिन बोलचाल बंद हुई , एक दूसरे को ब्लॉक किया । मगर दोनों ही एक ऐसे स्टेट ओर बिरादरी से ताल्लुक रखते थे जहां जानवर तक को आदर से पुकारा जाता है, ओर इसी के चलते हमारी बहस का स्तर गिरा नहीं था।

 
बाद मे हम दोनों ने एक दूसरे से बात की, एक दूसरे को समझा ओर मुद्दे को सुलझा हम दोस्त बन गए । ओर मजे की बात देखिये मुझे सालभर बाद पता चला को वो साहब पुलिस इंस्पेक्टर थे । खैर जब इतनी गर्मागर्मी हुई तो जाहीर है दोस्ती भी होनी ही थी । उसके बाद हम 3,4 बार काफी सारे FB फ्रेंड्स के साथ मिले हैं , अक्सर गेट-टुगेदर होता रहता है ।

इनकी खासियत है समय मिलने पर खूब सारे दोस्त ओर खूब सारी मस्ती करना। हालांकि ऐसी नौकरी मे इतने सारे दोस्तों के लिए समय निकालना काफी मुश्किल होता है , मगर ये अपने दोस्तों के लिए समय निकाल ही लेते हैं। ये एक ज़िंदादिल , बेफ़िकरे ओर बिंदास इंसान हैं ।

यायावरतखल्लुस के साथ बेहतरीन कवितायें भी लिखते हैं, तरन्नुम के साथ इनकी कवितायें सुनने का मजा ही कुछ ओर है, अक्सर कवि-सम्मेलनों के लिए वक़्त निकाल लेते हैं। राजपूतों के इतिहास पर भी बहुत अच्छी पकड़ है इनकी। जिस शहर मे रहते हैं वहाँ से जब इनका तबादला होता है तो वहाँ के लोग इनका ट्रान्सफर रुकवाने ओर अपराधी ट्रान्सफर करवाने के लिए पूरा ज़ोर लगा देते हैं । अक्सर चर्चा मे रहने वाले इन शख्स का नाम है महावीर सिंह राठौड़ है !, आजकल सीकर शहर के कोतवाल हैं ।

बशीर बद्र साहब का एक शेर याद आता है की ;
"दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुँजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त हो जायें तो शर्मिन्दा न हों "
                               

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