पच्चीस सालों बाद अचानक स्कूल के एक दोस्त का फोन नंबर मिला तो गोपाल खुशी के मारे उछल पड़ा। दोनों दोस्त 2 साल तक साथ साथ पढे थे मगर बाद मे आगे की पढ़ाई के लिए दोनों अलग अलग हो गए , मगर वर्षों तक दोनों के दरम्यान पत्रों का सिलसिला चलता रहा । पत्रों के माध्यम से दोनों दोस्तों की दोस्ती लगातार चलती रही मगर अपनी अपनी मजबूरीयों के कारण कभी मिल न सके ।
वक़्त गुजरता गया और धीरे धीरे पत्रों का आदान प्रदान भी कम होंने लगा । हर महीने आने वाले पत्र अब छ: महीने और फिर एक साल के अंतराल से आने लगे । और फिर धीरे धीरे ये सिलसिला भी टूट गया। संचार क्रांति आई तो दोस्तों ने एक दूसरे को संचार माध्यमों के द्वारा खोजना शुरू किया। सोसल साइट्स से लेकर सर्च इंजनों मे तलाश चलती रही। उनकी मेहनत रंग लाई और आज गोपाल को अपने दोस्त के बेटे का फोन नंबर मिला । अपने दोस्त के बेटे से बात करके बहुत खुश हुआ। गोपाल ने दोस्त के बेटे से अपने दोस्त सुदर्शन के बारे मे पूछा और उससे बात करवाने को कहा। बेटे ने कहा अंकल ,"पापा शाम को मिलेंगे तब आप फोन करना"
गोपाल शाम होने का इंतजार करने लगा और फिर आखिरकार पच्चीस साल पहले बिछुड़े दोस्त से बात हुई तो मारे खुशी के बरबस आँखों मे आँसू निकाल आए । दोनों दोस्त देर तक बातें करते रहे , अपने स्कूल के दिनों से लेकर अब तक के सफर को दोनों ने एक दूसरे से शेयर किया। फोन पर बातों का सिलसिला चल निकला और दोनों दोस्त घंटों बात करते , एक दूसरे के परिवार के बारें मे पूछते , एक दूसरे के बच्चों से बातें करते ।
दो महीने तक दोनों दोस्त आपस मे अपने स्कूल के दिनों के चर्चे करते और हँसते रहते । दोनों ने अपने बेटे बेटियों की शादी मे मिलने के वादे किए ।
एक दिन बातों बातों मे सुदर्शन ने गोपाल से कहा ,"यार मेरे अकाउंट मे बीस हज़ार रुपए ट्रान्सफर कर देना , मुझे कुछ जरूरत है "।
"हाँ ठीक है , अपना अकाउंट डिटेल्स मुझे एसएमएस कर देना ", गोपाल ने कहा।
कुछ दिन बाद सुदर्शन का फोन आया तो गोपाल ने रिसीव नहीं किया । कुछ अंतराल पे फिर सुदर्शन ने फोन किया मगर गोपाल ने काट दिया ।
उसके बाद फिर किसी का फोन नहीं आया, और दोस्ती का सालों का सिलसिला सदा के लिए टूट गया ।
- "विक्रम"
"बाप ना भया सबसे बड़ा रूपया" आज के दोर को बयां करती लघु कथा है!
ReplyDeleteहोल थिंग इस दैट की भईया सबसे बड़ा रुपैया ....
ReplyDeleteसार्थक कथा ... होता है ऐसा अक्सर ...
पैसे के आगे सब रिश्ते कमजोर पड़ जाते है,,,
ReplyDeleterecent post: वह सुनयना थी,
अक्सर ऐसे मामले देखने को मिल जाया करते है |
ReplyDeleteप्रासंगिक और प्रेरक प्रस्तुति
ReplyDeleteदोस्ती,रिश्ते नातो में जब भी पैसा आया है उसमे खटास ही पैदा की है |
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